भारत ने कभी विजय के लिए नहीं, बल्कि संस्कृति और ज्ञान से दुनिया को समृद्ध किया : मोहन भागवत
मुंबई, 19 अक्टूबर (khabarwala24)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मुंबई में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में कहा कि भारतीय सभ्यता ने कभी ताकत या जबरन दबाव से नहीं, बल्कि ज्ञान और शास्त्रों के माध्यम से दुनिया को समृद्ध किया है। भागवत ने अपने संबोधन में देश की प्राचीन परंपराओं, आध्यात्मिक वैभव और आधुनिक चुनौतियों पर बात की। मोहन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के पास एक ऐसा युग था जब हमने दुनिया भर में ‘सु-संस्कृति’ फैलाई। कोई आर्य वंश नहीं था। जो सुसंस्कृत और आचरण वाले थे उन्हें आर्य कहा जाता था। हमारे पूर्वजों ने कैसे यात्रा की, यह पूरी तरह ज्ञात नहीं है, लेकिन यह स्पष्ट है कि वे मैक्सिको से साइबेरिया तक, दुनिया भर में फैल गए। वे जहां भी गए, उन्होंने न तो राज्यों पर कब्जा किया और न ही जबरन धर्मांतरण कराया। इसके बजाय, उन्होंने सभ्यता, गणित, आयुर्वेद और कई प्रकार के शास्त्रों को साझा करके दूसरों को समृद्ध किया। उन्होंने यह सब अपनी विरासत के माध्यम से दुनिया को मजबूत और प्रबुद्ध करने के लिए किया।