Naveen Kumar
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filosopherf.bsky.social
Naveen Kumar
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Film Sound Designer
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Aadhar card is needed to correct the date of birth in other documents but it is not a proof of date of birth in itself. This government is a big scam. Why do we need a lots of documents and cards? Why can't we have just one single card for all our needs?
सोशल मीडिया पर उत्तर कोरिया, अफ़्रीका, फ़िलिस्तीन और अन्य जगहों की विडीओ देख कर आश्चर्यचकित होने वालों से कहना है की भारत की स्थिति कोई बहुत अलग नहीं है। यहाँ भी तानाशाही ही चल रही है। अम्बानी - अडानी यहाँ के राजा हैं और मोदी तानाशाह है। अगर यह दिख नहीं रहा या महसूस नहीं हो रहा है तो केमिकल लोचा है।
Bisleri Ghat specially created for PM by Delhi Govt. Although he didn’t came because TDS was high.
Humans revere circus. Make circus and be merry.
Varanasi To Mumbai To LA… What a journey of Pandit Ravi Shankar Ji’s…
I think their should be one common card for Identity, Citizenship, Birth, Domicile, Voting, Taxes and Social Status. Why Modi is not making One Nation One Card?
Dear Friends, I found this channel very useful if you are interested in learning Pali language which is considered as the mother of all languages and was spoken by Buddha himself.

youtube.com/@palidarshan...
Pali Darshan Channel
पालि दर्शन - पालि सिखाने वाला एकमात्र चैनल Pali Darshan - only channel to teach Pali language
youtube.com
अगर आपके पूर्वज ग़रीब, भूखे, नंगे, भूमिहीन, कमज़ोर, शोषित, दलित और गंदे काम करने वाले थें तो इसमें कोई शर्म की बात नहीं है लेकिन अगर आप भी वैसे ही हैं तो इसमें बहुत ज़्यादा शर्म की बात है।
“फैज़ल”
Both Ambani Family and Gandhi Ji belongs to same caste as per Indian caste system. If people accuse Ambedkar tha he only did for Bahujan Community then we should also note that Gandhi did only for his own community. It’s a brutal fact.
जो बहुजन देश छोड़ के विदेश में बस गयें हैं उनको अब अपने देश की समस्याओं के ऊपर ध्यान देना चाहिये। जो पढ़ के वापस आने वाले हैं उनका तो समझ में आता है लेकिन जो स्थायी रूप से वहाँ बस चुके हैं वो लोग सोशल मीडिया के माध्यम से यहाँ के लोगों को क्यों उकसाते हैं?
अमेरिका, यूरोप और लंदन में बैठे हुये बहुजन समाज के लोग सोशल मीडिया के माध्यम से भारत के लोगों को उकसाते हैं और रोज़ शाम को मज़े कर के अपने विदेशी फ़्लैटों में सो जाते हैं। सावधान रहें, सतर्क रहें।
आप इस बात को जानिये की बाबा साहब अम्बेडकर ने हिंदू धर्म को छोड़ के बौद्ध धर्म ग्रहण नहीं किया था बल्कि उन्होंने बौद्ध धर्म की सभी शाखाओं को ख़ारिज कर के एक नये धर्म की स्थापना की थी जिसका मूल संदेश उन्होंने बौद्ध धर्म से ही लिया था। स्वतंत्रता, एकता, बंधुत्व और समता।
In India specially in Bollywood it doesn’t matter how good film you made. It’s always about how much money your film made. That’s why it’s called Film Industry. An Industry runs on profit and not on Gyan.
One of the most interesting profile I found on IMDb.
होमबाउंड जैसी फ़िल्मों के लिये अभी भारतीय जनता तैयार नहीं है।
रोहिणी घवरी के पोस्ट पर मैंने कुछ कॉमेंट किया था। उसने मुझे ब्लॉक कर दिया। एक उच्चतम शिक्षित व्यक्ति से आप ऐसी उम्मीद नहीं कर सकते हैं। आज भीम आर्मी ने अपने सोशल मीडिया पर उसके विरोध में लम्बा - चौड़ा लेख लिखा है। समझ में नहीं आया अगर रावण निर्दोष है तो उसको इतना लम्बा चौड़ा लेख - लिख कर सफ़ाई देने की क्या आवश्यकता है? घवरी और रावण एक जैसे ही हैं। शायद तभी दोनो की मित्रता रही है।
पता नहीं यह दुःख की बात है या चिंता की लेकिन बहुजन समाज अभी किसी भी चीज़ के लिये तैयार नहीं है। इनको प्रशंसा, व्यंग, आलोचना और सुझाव में अंतर ही नहीं पता है और ना ही इनको ये सब समझ में आता है। इनको सिर्फ़ शिक्षा, मानसिक विकास और राजनीति पर ध्यान देना चाहिये।
दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में पाखंड और दिखावे का सर्कस उत्तरप्रदेश और बिहार से आये हुये लोग ही ज़्यादा करते हैं। इन शहरों के मूलनिवासी बहुत ही सॉर्टेड टाइप के लोग होते हैं।
जातिविरोधी फ़िल्मों में सिर्फ़ जाति की समस्या दिखाने से काम नहीं चलेगा। उनमें मार - धाड़, ऐक्शन, ग़ुस्सा, नाच - गाना, संगीत और उत्तेजक दृश्य भी होने चाहिये। होमबाउंड जैसी फ़िल्म के लिये अभी भारतीय समाज तैयार नहीं है।